Posted by Admin on November, 10, 2016
सभी व्यापारी बंधु इस मैसेज को अधिक सेअधिक शेयर कर इसे जनांदोलन बनानेकी कृपा करे
व्यापारी भाइयो,
अब सरकार GST लागू करने जा रही है । विपक्ष ने तीन मुद्दों पर GST बिल को रोक रखा था । और यह तीनों मुद्दे व्यापारियों व् देश की जनता के हित में थे ।
1. GST लागु होने के पश्चात् किसी भी स्टेट को अलग से कोई टैक्स लगाने का अधिकार नहीं होना चाहिए । जैसा कि कुछ स्टेटों ने अभी से ENTRY TAX अलग से लगाने की आवाज उठा दी है ।
2. GST की दर जो भी रखी जाए, उसमें पांच वर्ष से पहले संशोधन न हो, जैसा कि पिछले दो वर्षों में सर्विस टैक्स की दर 12% से बढ़ाकर 15% तक कर दी गई है ।
3. दर बढ़ाने का निर्णय पार्लियामेंट करे क्योंकि टैक्स की दर पुरे देश के लिये होगी । किसी अकेले मन्त्री को अपनी मनमर्जी से टैक्स बढ़ाने का अधिकार नहीँ होना चाहिये ।
4. टैक्स अदायगी में देरी होने पर या हिसाब किताब में गड़बड़ी पाये जाने पर व्यापारियों को पांच वर्ष की सजा का प्रावधान रखा गया है, जो कि सरासर ग़लत है ।
इससे व्यापारी भाइयों पर बहुत भारी मुसीबत आने वाली है ।
अफ़सर स्टॉक का पूरा हिसाब किताब मांगेगा । उदाहरण के तौर पर आपने पानी कितना पिया और URINE कितना किया ।
या तो अधिकारियों को खुश करो अन्यथा JAIL जाओ ।
इस देश में सारे कानून कायदे व्यापारियों पर ही क्यों लागु किये जाते है जबकि व्यापारी की देश के योगदान में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका है।व्यापारी टैक्स COLLECT करता है, फिर उसका हिसाब रखता है और सरकार को टैक्स जमा करवाता है, फिर भी व्यापारी चोर कहलाता है ।
सरकारी अधिकारियों को साठ वर्ष बाद व् सांसदो, विधायकों को उनके निर्वत होने पर चाहे कोई भी ऊम्र हो, तुरन्त पैंसन मिलनी शुरू हो जाती है ।
एक व्यापारी जो सारी जिंदगी लोगों को रोजगार व् टैक्स देते देते बुढ़ा हो जाता है । उसके भविष्य व् रिटायरमेंट के बारे सरकारें क्यों नहीँ कानून बनाती । क्या व्यापारी सारी जिंदगी बंधुआ की तरह मुफ़्त में सरकार का टैक्स इकठा करके जमा करवाता रहेगा ?
हर व्यापारी को उसके द्वारा जमा करवाए GST व् INCOME TAX पर 10% के हिसाब से कमीशन मिलना चाहिए, जो कि उनके अकाउन्ट में DIRECT जमा हो जाए और P.F. की भांति उस पर ब्याज मिलना चाहिए । यह अमाउंट इन्कम टैक्स से मुक्त हो, ताकि इस राशि का उपयोग वह अपने रिटायरमेंट के बाद या व्यापार कार्य छोड़ने के उपरान्त पैंशन के तौर पर इस्तेमाल कर सके ।
व्यापारी वर्ग न तो सरकार से आरक्षण मांग रहा है और न ही कोई सब्सिडी । लेकिन रिटायरमेंट के बाद सम्मान से जीने का अधिकार तो उसे भी मिलना चाहिए ।
माननीय वित् मन्त्री जी ने GST पर सुझाव मांगे है ।
अत: सभी व्यापारी भाइयों से अनुरोध है कि माननीय वित् मन्त्री जी को उपरोक्त सुझाव अधिक से अधिक व्यापारिक संगठनो द्वारा तुरन्त भिजवाएं और अपने एरिया के सांसदो से भी संसद में इस बारे आवाज उठाने बारे आग्रह करें ।
व्यापारी एकता जिंदाबाद
इस मैसेज को हल्के तौर पर न लें बल्कि अपनी जुम्मेवारि समझ कर अधिक से अधिक शेयर करें ताकि व्यापारियों की बात सरकार तक पहुंच सके ।
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